साथ की फोटो पर क्लिक करें और पढ़ें. उत्तर प्रदेश में अगर आप से रिश्वत मांगी जाए तब चुपचाप दे दें, विरोध करने पर आप को पुलिस की लाठियों का सामना करना पड़ेगा. आप को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. मजिस्ट्रेट इस बात पर नाराज हो जाएगा की पुलिस ने आप को हथकड़ी क्यों नहीं लगाई. आप पर गैर-जमानती आरोप लगा कर जेल भेज दिया जाएगा.
यह सब अरविन्द केजरीवाल और उनके साथिओं के साथ हुआ. वह एक जाने-माने सूचना अधिकार से सम्बंधित सक्रीय कार्यकर्ता हैं. अभी वह डासना जेल के रास्ते में ही थे की उच्च पुलिस अधिकारियों को इस की जान कारी कहीं से मिल गई और वह रिहा कर दिए गए.
अपने लेख के अंत में अरविन्द कहते हैं, इस का मतलब हुआ की पुलिस कभी भी किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है, उस पर कोई भी आईपीसी सेक्शन लगा सकती है, मजिस्ट्रेट आँखें बंद कर के पुलिस की बात मानेगा और आप को जेल भेज देगा, आप अपने बेगुनाह होने की बात करेंगे तो मजिस्ट्रेट कहेगा, पहले आप जेल जाओ, पुलिस बाद में आप के अपराध की जांच कर लेगी. है न कितना डरावना !!!
यह सब अरविन्द केजरीवाल और उनके साथिओं के साथ हुआ. वह एक जाने-माने सूचना अधिकार से सम्बंधित सक्रीय कार्यकर्ता हैं. अभी वह डासना जेल के रास्ते में ही थे की उच्च पुलिस अधिकारियों को इस की जान कारी कहीं से मिल गई और वह रिहा कर दिए गए.
अपने लेख के अंत में अरविन्द कहते हैं, इस का मतलब हुआ की पुलिस कभी भी किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है, उस पर कोई भी आईपीसी सेक्शन लगा सकती है, मजिस्ट्रेट आँखें बंद कर के पुलिस की बात मानेगा और आप को जेल भेज देगा, आप अपने बेगुनाह होने की बात करेंगे तो मजिस्ट्रेट कहेगा, पहले आप जेल जाओ, पुलिस बाद में आप के अपराध की जांच कर लेगी. है न कितना डरावना !!!
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