अब इस में कोई संदेह नहीं रहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाएगी. इस सरकार का हर कार्य नागरिकों के खिलाफ और भ्रष्टाचारियों के पक्ष में होता है. अब जहाँ भी जब भी चुनाव हो, मतदाताओं को इस भ्रष्ट सरकार और इसकी साथी भ्रष्ट पार्टियों को हराना है.

जन लोकपाल बिल को कानून बनाओ, फिर हमसे वोट मांगने आओ, नहीं तो हार के गहरे समुन्दर में डूबने के लिए तैयार हो जाओ.

Thursday, February 24, 2011

भ्रष्टाचार का ईलाज है - जन लोकपाल

दैनिक हिंदी हिन्दुतान के २२ फ़रवरी अंक में 'हमारी राय आपकी राय' प्रष्ट पर श्री गिरिराज किशोर का एक लेख छपा है, "भ्रष्टाचार का ईलाज है - जन लोकपाल". आप साथ की इमेज पर क्लिक करके लेख को पढ़ सकते हैं.

इस बात से हर व्यक्ति सहमत होगा कि जन-लोकपाल ही भ्रष्टाचार का सही ईलाज है. इस लिए जो प्रयास के अंतर्गत किया जा रहा है वह सही दिशा में एक निर्णायक कदम है. हर वार्ड में भ्रष्टाचार के विरुद्ध वोट बेंक बनाकर राजनितिक दलों और सरकार को इस बात के लिए मजबूर किया जा सकता है कि वह जन-लोकपाल बिल को कानून बनाए.

३० जनवरी को दिल्ली में और देश के अन्य ६० शहरों में भ्रष्टाचार के विरुद्ध हुई रैलिओं के प्रति मीडिया के एक बड़े अंग की उदासीनता मीडिया की विश्वसनीयता पर एक प्रश्न चिन्ह लगाती है. क्या मीडिया ने सरकार के प्रतिनिधि के रूप में काम करना शुरू कर दिया है? क्या मीडिया कर्मीं पद्म एवार्ड्स के लिए सरकार के भाट बन गए हैं? क्या मीडिया नहीं चाहता कि भारत एक भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र बने? कारण चाहे जो भी हो ३० जनवरी की रैली को समाचारों में उचित स्थान न दे कर मीडिया ने देश और जनता का विश्वास और ज्यादा खो दिया है.

No comments: