अब इस में कोई संदेह नहीं रहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाएगी. इस सरकार का हर कार्य नागरिकों के खिलाफ और भ्रष्टाचारियों के पक्ष में होता है. अब जहाँ भी जब भी चुनाव हो, मतदाताओं को इस भ्रष्ट सरकार और इसकी साथी भ्रष्ट पार्टियों को हराना है.

जन लोकपाल बिल को कानून बनाओ, फिर हमसे वोट मांगने आओ, नहीं तो हार के गहरे समुन्दर में डूबने के लिए तैयार हो जाओ.

Monday, September 20, 2010

सीवीसी, भ्रष्टाचार और नागरिक

फोटो पर क्लिक करें और यह खबर पढ़ें. सरकार के एक मंत्री का कहना है कि जो सरकारी बाबू अपने कार्यकाल में प्रभावशाली भूमिका निभा सकते थे पर निभा नहीं निभा पाए वह सेवा-निवृत्त होने के बाद संत हो जाते हैं. मंत्रीजी ने नाम तो नहीं लिया पर लगता है कि उनका ईशारा अभी-अभी सेवा-निवृत्त हुए केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त श्री प्रत्यूष सिन्हा की तरफ है. इन सरकारी बाबू ने सेवा-निवृत्त होने के बाद शायद यह कहा कि एक तिहाई भारतीय जबदस्त भ्रष्टाचारी हैं, और आधे भारतीय भ्रष्टाचार की लक्ष्मण रेखा पार कर चुके या करने वाले हैं.

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