पिछले वर्षों में भ्रष्टाचार के जितने भी मामले सामने आये, जिस तरह उन्हें दबाने की कोशिश की गई, न दबा पाने पर जिस तरह उनकी जांच कराई गई, जिस तरह दोषियों को क्लीन चिट दिलवाई गई, उसके बाद अब किसी के मन में यह संदेह नहीं रहना चाहिए कि सरकार भ्रष्टाचार का उन्मूलन करना चाहती है. सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचारियों के साथ है.
सरकार भ्रष्टाचार पर शून्य सहनशीलता की बात करते थकती नहीं और भ्रष्टाचार बढ़ते हुए थकता नहीं. भ्रष्टाचार का कोई मामला सामने आता है, विपक्ष दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करता है, सरकार विपक्ष पर ही हमला बोल देती है. एक ईमानदार अधिकारी, एक नागरिक, भ्रष्टाचार पर सीटी बजाता है और सरकार उनके ही पीछे पड़ जाती है. कुछ बेचारे तो अपनी जान से ही हाथ धो बैठे. साथ की फोटो पर क्लिक करें और पढ़ें कि संजीव चतुर्वेदी के साथ क्या किया गया - पांच वर्ष में १२ तबादले, झूटी चार्जशीट, सस्पेंशन, कोई पदोन्नति नहीं, प्रदेश सरकार द्वारा डिसमिस करने की धमकी. अब भ्रष्टाचारियों का देखिये - एक की पदोन्नति हो गई, एक को प्लम पोस्टिंग मिली. प्रदेश सरकार भ्रष्टाचारियों के साथ मिल गई. केद्र सरकार कुछ न करके, प्रदेश सरकार को ४५ दिन दे रही है कि भैया कुछ करो.
अधिकारी भ्रष्टाचार करते हैं. मंत्री भ्रष्टाचार करते हैं. प्रधानमंत्री कहता है मैं ईमानदार हूँ. मैं कहता हूँ सरकार भ्रष्टाचारियों के साथ है.
आओ लड़ें भ्रष्टाचार से. FIGHT CORRUPTION. भ्रष्टाचार है - तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, कानून की अवहेलना, योग्यता के मुकाबले निजी पसंद को तरजीह देना, रिश्वत लेना, कामचोरी, अपने कर्तव्य का पालन न करना, सरकार और सरकारी विभागों में आज कल यही हो रहा है. बेशर्मी भी शर्मसार हो गई है यहाँ.
अब इस में कोई संदेह नहीं रहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाएगी. इस सरकार का हर कार्य नागरिकों के खिलाफ और भ्रष्टाचारियों के पक्ष में होता है. अब जहाँ भी जब भी चुनाव हो, मतदाताओं को इस भ्रष्ट सरकार और इसकी साथी भ्रष्ट पार्टियों को हराना है.
जन लोकपाल बिल को कानून बनाओ, फिर हमसे वोट मांगने आओ, नहीं तो हार के गहरे समुन्दर में डूबने के लिए तैयार हो जाओ.
जन लोकपाल बिल को कानून बनाओ, फिर हमसे वोट मांगने आओ, नहीं तो हार के गहरे समुन्दर में डूबने के लिए तैयार हो जाओ.
Friday, December 31, 2010
सरकार भ्रष्टाचारियों के साथ है
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1 comment:
बिलकुल सही कहा आपने इस देश में शर्मनाक स्तर के भ्रष्टाचार की गंदगी को धोने के लिए आप-हम जैसे कितने लोग है जो प्रयासरत है एक छोटी नदी की तरह | इन सभी छोटी नदियों को मिलाकर इस जनयुद्ध के जरिये एक जनज्वार में बदलिये जिससे सभी भ्रष्ट और बेशर्म मंत्री,सांसद,विधायक,उद्योगपति और अधिकारी इसमें बहकर किनारे लग जाय और हमारा देश और समाज पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त हो जाय.......यही उद्देश्य है इस जनयुद्ध का.....
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