Don't you agree with my answer Mrs Dikshit?
एक कहावत है, बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से खाय. तीसरी बार फिर शीला दीक्षित को मुख्य मंत्री बना कर हम ने खुद ही तो मुसीवतों के इस पेड़ को हरा भरा बना रखा है. यह सारी समस्यायें पिछले सालों में भी थीं, पर फिर से शीला जी को जिता कर हम ने इन समस्यायों को और बढ़ा लिया है. अब जैसा किया है बैसा भुगतो.
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