भोपाल के आईएएस दंपत्ति, अरविन्द और टीनू के पास ३६० करोड़ रुपये की धन-संपत्ति पाई गई है, जिन में ३ करोड़ रुपये १००० रुपये के नोटों में सूटकेसेस में भरे पाए गए. उनके पास २५ फ्लेट्स हैं, ४०० एकड़ खेती-योग्य और दूसरी जमीन है तथा काफी पैसा स्टाक्स में लगाया हुआ है. एक परिवार को रहने के लिए कितने फ्लेट्स चाहियें? कितनी जमीन चाहिए? कितना नकद पैसा चाहिए? अरविन्द और टीनू जैसे अनेक लोग इस देश में हैं जिन के पास अथाह धन-संपत्ति है, यानि उनकी अपनी आवक्श्यकता से बहुत अधिक धन है. क्या खाते हैं यह लोग? क्या पहनते हैं? कितने मकानों में एक साथ रहते हैं? एक प्रश्न मन में आता है कि सुखी जीवन के लिए आखिरकार कितना धन चाहिए?
आओ लड़ें भ्रष्टाचार से. FIGHT CORRUPTION. भ्रष्टाचार है - तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, कानून की अवहेलना, योग्यता के मुकाबले निजी पसंद को तरजीह देना, रिश्वत लेना, कामचोरी, अपने कर्तव्य का पालन न करना, सरकार और सरकारी विभागों में आज कल यही हो रहा है. बेशर्मी भी शर्मसार हो गई है यहाँ.
अब इस में कोई संदेह नहीं रहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाएगी. इस सरकार का हर कार्य नागरिकों के खिलाफ और भ्रष्टाचारियों के पक्ष में होता है. अब जहाँ भी जब भी चुनाव हो, मतदाताओं को इस भ्रष्ट सरकार और इसकी साथी भ्रष्ट पार्टियों को हराना है.
जन लोकपाल बिल को कानून बनाओ, फिर हमसे वोट मांगने आओ, नहीं तो हार के गहरे समुन्दर में डूबने के लिए तैयार हो जाओ.
जन लोकपाल बिल को कानून बनाओ, फिर हमसे वोट मांगने आओ, नहीं तो हार के गहरे समुन्दर में डूबने के लिए तैयार हो जाओ.
Saturday, January 22, 2011
सुखी जीवन के लिए कितना धन चाहिए ?
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