अब इस में कोई संदेह नहीं रहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाएगी. इस सरकार का हर कार्य नागरिकों के खिलाफ और भ्रष्टाचारियों के पक्ष में होता है. अब जहाँ भी जब भी चुनाव हो, मतदाताओं को इस भ्रष्ट सरकार और इसकी साथी भ्रष्ट पार्टियों को हराना है.

जन लोकपाल बिल को कानून बनाओ, फिर हमसे वोट मांगने आओ, नहीं तो हार के गहरे समुन्दर में डूबने के लिए तैयार हो जाओ.

Thursday, March 03, 2011

क्या फायदा ऐसे लोकायुक्त का ???

दिल्ली के लोकायुक्त, जस्टिस मनमोहन सरीन ने दिल्ली सरकार में मंत्री राज कुमार चौहान को पद से हटाने की सिफारिश की है. लोकायुक्त ने इस मंत्री को एक जन अधिकारी द्वारा किये गए घोर दुराचार का दोषी पाया, लेकिन सरकार इस भ्रष्ट मंत्री को उस के पद से नहीं हटा रही है. मेगासेसे अवार्ड से सम्मानित एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष कर रहे श्री अरविन्द केजरीवाल ने इस बात के लिए सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा, वर्तमान कानून में लोकायुक्त केवल सिफारिश कर सकते हैं, उस पर कार्यवाही करना या न करना सरकार के हाथ में है. ऐसे शक्ति-हीन लोकायुक्त के होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता. इस जांच के दौरान राज बब्बर एम् पी और एमसीडी के एक भूतपूर्व पार्षद का नाम भी सामने आया पर अधिकार-हीन लोकायुक्त उनके खिलाफ जांच शुरू नहीं सर सके. जन लोकपाल बिल के कानून बन्ने पर लोकायुक्त स्वयं, किसी से आज्ञा लिए बिना, ऐसी जांच शुरू कर सकते हैं. अब यह बहुत जरूरी हो गया है की जन लोकायुक्त बिल को ही कानून बनाया जाए.

जन लोकपाल और जन लोकायुक्त बिलों को कानून बनाने के लिए जन-संघर्ष जारी है, उसे और मजबूत बनाना होगा. 
हर नागरिक को इस दूसरी आजादी की लड़ाई में शामिल हो जाना चाहिए. 

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