अब इस में कोई संदेह नहीं रहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाएगी. इस सरकार का हर कार्य नागरिकों के खिलाफ और भ्रष्टाचारियों के पक्ष में होता है. अब जहाँ भी जब भी चुनाव हो, मतदाताओं को इस भ्रष्ट सरकार और इसकी साथी भ्रष्ट पार्टियों को हराना है.

जन लोकपाल बिल को कानून बनाओ, फिर हमसे वोट मांगने आओ, नहीं तो हार के गहरे समुन्दर में डूबने के लिए तैयार हो जाओ.

Tuesday, March 22, 2011

मजबूर प्रधानमंत्री जनता को गुमराह कर रहे हैं ?

प्रति एमपी दिए थे दस-दस लाख, तब बची थी मनमोहन जी की सरकार, विकीलीक्स का खुलासा. प्रधानमंत्री ने कर दिया साफ़ इनकार. न मैंने, न मेरी सरकार के किसी सदस्य ने, न मेरी पार्टी कांग्रेस के किसी सदस्य ने, कोई गलत काम किया सरकार बचाने के लिए. दो बाते हैं, पहली, प्रधानमंत्री सरकार बचाने के लिए एमपी खरीदना गलत नहीं मानते; दूसरी, प्रधानमंत्री सदन और जनता को गुमराह कर रहे हैं. विकीलीक्स के असान्जे ने कहा है की प्रधानमंत्री लोगों को गुमराह कर रहे हैं. उनका कहना है कि विकीलीक्स के केबल्स बिलकुल सही हैं.

कोई कुछ भी कहे, भारत की जनता का एक बहुत बड़ा वर्ग यह मानता है कि प्रधानमंत्री लोगों को गुमराह कर रहे हैं, एमपी खरीदे गए थे, यह एक सच्चाई है.

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