ईश्वर की मूर्ति पूजा गलत है, पर मेरी ??????
जिस प्रदेश में किसान अपना घर, जमीन और पत्नी तक गिरवी रख दे, और उस प्रदेश की मुखिया करोडों रुपये खर्च करके अपनी और अपने नेता की मूर्तियाँ लगवाए ताकि दलित जनता उनकी पूजा कर अपना सम्मान प्रर्दशित कर सके, इसे क्या कहेंगे - महानता का उच्च स्तर या गिराबट और बेशर्मी का निम्न स्तर? दलितों के नाम का फायदा उठा कर कुर्सी पर बैठे यह नेता, दलितों की जिंदगी नरक बना रहे हैं. उनके मुहँ से रोटी छीन कर अपनी मूर्तियाँ और स्मारक बना रहे हैं. अपने इन शर्मनाक कामों पर गर्व करते हैं यह लोग, पर अफ़सोस, दलित अभी भी इनके छलाबे में आ रहे हैं.
सोचिये, पर जरा ऊंची आवाज़ में.
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