अब इस में कोई संदेह नहीं रहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाएगी. इस सरकार का हर कार्य नागरिकों के खिलाफ और भ्रष्टाचारियों के पक्ष में होता है. अब जहाँ भी जब भी चुनाव हो, मतदाताओं को इस भ्रष्ट सरकार और इसकी साथी भ्रष्ट पार्टियों को हराना है.

जन लोकपाल बिल को कानून बनाओ, फिर हमसे वोट मांगने आओ, नहीं तो हार के गहरे समुन्दर में डूबने के लिए तैयार हो जाओ.

Tuesday, September 15, 2009

नेताओं के स्मारकों पर लगेंगे हर समय मेले !!!

ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब देश के वीर जवानों ने, और शहीदों के परिवारों ने मैडल राष्ट्रपति को लौटा दिए हों. उन मेडल्स को वापिस लेते हुए राष्ट्रपति को कैसा लगा होगा यह तो मैं नहीं जानता पर मुझे यह पढ़ कर बहुत बुरा लगा, शर्म भी महसूस हुई. क्या हो गया है इस देश को, इस देश की जनता को, इस देश के नेताओं को? क्या कहते हैं, शर्म को पानी में घोल कर पी गए हैं. या कहें, नंग बड़े परमेश्वर से. या फिर्काहें की अगर कुछ शर्म बाकी है तो डूब मरो चुल्लू भर पानी में.

बचपन में पढ़ा था - शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा.

आने वाले बच्चे पढेंगे - नेताओं के स्मारकों पर लगेंगे हर समय मेले, देश को लूटने वालों का यही बाकी निशाँ होगा.

1 comment:

Shankar said...

अब देश को लूटने वालों के स्मारक ही तो बनेंगे. जिन्होनें देश को अपने जीवन दे दिया उन्हें याद करने की फुर्सत किसे है? जो जितना बड़ा लुटेरा उतना बड़ा देश भक्त.