Who is responsible? Will anybody be held accountable and punished? लोग रात-दिन मेहनत करके हैं, पसीना बहाते हैं, तब कहीं जाकर दो वक़्त की रोटी का जुगाड़ कर पाते हैं. कुछ तो भूखे पेट ही सो जाते हैं. क्या किसी को उनकी चिंता है?
भ्रष्टाचारी सरकार और उस के बाबू ऐयाशी करते हैं और तान कर सोते हैं. अनाज खराब जाए तो हो जाए, इनका तो पेट भरा है. सालों से अनाज खराब हो रहा है पर किसी को चिंता नहीं. अखबार लिखता है तो लिखता रहे. इनके ऊपर कोई कानून लागू नहीं होता.
No comments:
Post a Comment